दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। गोकलपुर क्षेत्र में इस बार होली और रमजान का त्योहार साथ-साथ मनाकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की गई। मुस्लिम समाज के लोगों ने न सिर्फ रंग-गुलाल लगवाया, बल्कि पूरे जोश और उल्लास के साथ इस पर्व में भाग लिया।
मुस्लिम समाज के बुजुर्गों और युवाओं ने इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है और सभी धर्मों के लोगों को एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करना चाहिए। मुस्लिम युवाओं ने भी स्पष्ट किया कि उन्हें रंग-गुलाल से कोई परहेज नहीं है, बल्कि वे इस त्योहार को सामाजिक एकता के प्रतीक के रूप में देखते हैं।
गोकलपुर के इस आयोजन ने दिखाया कि त्योहार धार्मिक सीमाओं से ऊपर होते हैं। वे समाज को जोड़ने का काम करते हैं और भारतीय संस्कृति की समृद्धि को बढ़ाते हैं। यहां के लोगों ने यह साबित कर दिया कि भारत की असली पहचान उसकी साझी संस्कृति और आपसी सौहार्द में ही है।
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