दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर प्रिंसिपल पीठ में रेप के एक मामले में हाईकोर्ट ने अनोखी शर्त के साथ आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी है। अदालत ने आरोपी को सोशल मीडिया अकाउंट्स—फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के पासवर्ड बताने की शर्त पर जमानत दी। इसके अलावा, कोर्ट ने आरोपी को जांच में सहयोग करने और जरूरत पड़ने पर बॉडी फ्लूइड व ब्लड सैंपल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
रेप और धमकाने का आरोप
यह मामला एक युवती द्वारा लगाए गए बलात्कार और धमकाने के आरोपों से जुड़ा है। आरोपी मुरली मनोहर सोनी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। जस्टिस देवनारायण मिश्रा की सिंगल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और बाद में मारपीट कर धमकाया। वहीं, आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि दोनों बालिग थे और उनके बीच सहमति से संबंध बने थे। लेकिन बाद में किसी विवाद के चलते युवती ने रेप का मामला दर्ज करा दिया।
कोर्ट ने लगाई सख्त शर्तें
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि आरोपी को हिरासत में लेने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उसे जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करना होगा। जमानत शर्तों में शामिल हैं:
1. आरोपी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड जांच अधिकारियों को देने होंगे।
2. जरूरत पड़ने पर बॉडी फ्लूइड और ब्लड सैंपल देना होगा।
3. यदि आरोपी इन शर्तों का उल्लंघन करता है, तो जमानत स्वतः ही निरस्त हो जाएगी।
सशर्त अग्रिम जमानत का आदेश
जस्टिस देवनारायण मिश्रा की सिंगल बेंच ने यह कहते हुए अग्रिम जमानत दी कि आरोपी को जांच एजेंसियों का सहयोग करना होगा और कोर्ट द्वारा तय की गई सभी शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। आदेश में स्पष्ट किया गया कि यदि आरोपी शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसकी जमानत तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी जाएगी।