दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के मुख्य अभियंता पर कड़ा रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुख्य अभियंता पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया है, जिसे उन्हें अपनी जेब से भरना होगा।
हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ताओं को नियमितीकरण का लाभ देने का आदेश दिया गया था, जिसे 60 दिन के भीतर लागू किया जाना था। लेकिन, समय सीमा समाप्त होने के बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया, जिसके चलते यह अवमानना याचिका दायर की गई।
सुनवाई के दौरान मुख्य अभियंता एससी वर्मा ने अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि याचिकाकर्ता नियमितीकरण के पात्र नहीं थे। लेकिन, हाईकोर्ट ने इसे कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास माना और अधिकारियों को तत्काल अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
सुनवाई में एकलपीठ ने पाया कि मुख्य अभियंता ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी को आदेश दिया कि वे तीन महीने में विभागीय जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करें। साथ ही, मुख्य अभियंता पर ₹1 लाख की लागत निजी तौर पर जमा करने का आदेश दिया गया।