दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश की धारणाधिकार योजना, जो शासकीय भूमि पर बसे लोगों को मालिकाना हक देने के लिए शुरू की गई थी, अब जबलपुर प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। इस योजना के तहत जिले में 11 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किए थे, जिनमें से प्रशासन ने जांच के बाद 4,824 पात्र लोगों को पट्टे जारी कर दिए हैं। हालांकि, करीब 3 हजार अपात्र लोग बार-बार आवेदन कर रहे हैं, जिससे प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रीन बेल्ट और निजी जमीन पर पट्टे की मांग
प्रशासन के अनुसार, कई लोग ऐसे इलाकों में पट्टे की मांग कर रहे हैं, जो ग्रीन बेल्ट, तालाब, नदियों के किनारे या निजी जमीनों में आते हैं। नियमों के मुताबिक, केवल 31 दिसंबर 2020 से पहले शासकीय भूमि पर काबिज लोगों को ही इस योजना के तहत 30 साल की लीज पर पट्टा दिया जाता है। लेकिन, कई अपात्र लोग बार-बार आवेदन कर रहे हैं, जिससे मामलों का निपटारा लंबित हो गया है।
योजना में संशोधन की जरूरत?
अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग बार-बार आवेदन कर प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं, जिससे न केवल सरकारी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, बल्कि विवाद भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या योजना में सख्ती या संशोधन की जरूरत है ताकि अपात्र लोगों द्वारा बार-बार किए जा रहे आवेदन रोके जा सकें?
प्रशासन इस समस्या के समाधान के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाने की योजना बना रहा है, ताकि पात्र लोगों को लाभ देने की प्रक्रिया बाधित न हो।
Advertisement