दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के टोंडली-वरेली गांव में जबलपुर के महाजन परिवार पर तेंदुए ने हमला कर दिया। इस घटना में आशीष महाजन गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन उन्होंने साहस दिखाते हुए तेंदुए का मुकाबला किया। आत्मरक्षा में किए गए हमले में तेंदुए की मौत हो गई।
मनोवैज्ञानिक आशीष महाजन, जो कि जबलपुर के महाराष्ट्र हाई स्कूल के 1988 बैच के छात्र रह चुके हैं, अपने फार्महाउस में थे। तभी उन्होंने अपने पालतू कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनी और बाहर गए। जैसे ही उन्होंने देखा कि तेंदुआ उनके कुत्ते पर झपटने वाला है, उन्होंने उसे भगाने की कोशिश की, लेकिन तेंदुए ने उन पर ही हमला कर दिया।
तेंदुए से खुद को बचाने के लिए महाजन ने बहादुरी से मुकाबला किया। संघर्ष के दौरान तेंदुए और महाजन दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान महाजन की पत्नी ने नुकीला भाला उनकी ओर फेंका, जिससे उन्होंने तेंदुए की गर्दन और छाती पर वार किया। करीब 15 मिनट की लड़ाई के बाद तेंदुए की मौत हो गई, लेकिन महाजन गंभीर रूप से घायल हो गए।
परिवार के मुताबिक, आशीष महाजन को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि वे जल्द ही आईसीयू से बाहर आ सकते हैं।
रत्नागिरी के प्रभागीय वन अधिकारी गिरिजा देसाई-पाटिल ने बताया कि मारा गया तेंदुआ लगभग 2 साल की मादा थी। उसके छाती, पैर और गर्दन पर गंभीर घाव थे। वन विभाग ने महाजन के इलाज के लिए मुआवजा देने की घोषणा की है।