दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को नगरीय विकास एवं आवास विभाग की मांग संख्या 22 पर गहन चर्चा हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने नगरीय प्रशासन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी। इस दौरान, जबलपुर पूर्व से कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने सरकार पर सवाल उठाए और नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति, विकास परियोजनाओं की धीमी गति और नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं की कमी जैसे अहम मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया।
चुंगी क्षतिपूर्ति बंद होने से वित्तीय संकट
विधायक घनघोरिया ने चुंगी क्षतिपूर्ति के ऐतिहासिक संदर्भ को उठाते हुए बताया कि 1886 के करार के तहत हर तीन साल में 10% वृद्धि की व्यवस्था थी, जो 1986 से 2006 तक चली, लेकिन इसके बाद बंद कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह नगरीय निकायों का हक है और इसे बंद करने से उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई है।
नगर निगम की आय पर बिजली बिल की कटौती
विधायक घनघोरिया ने कहा कि जबलपुर नगर निगम को मिलने वाली राशि से बिजली बिल के नाम पर कटौती की जा रही है, जिससे कर्मचारियों के वेतन और पेंशन भुगतान में कठिनाई हो रही है। उन्होंने इसे एक गंभीर विसंगति बताते हुए सरकार से इस कटौती को रोकने की मांग की।
स्टाम्प ड्यूटी में कटौती से बढ़ा संकट
विधायक ने कहा कि स्टाम्प ड्यूटी को 3% से घटाकर 1% करने का फैसला नगरीय निकायों के लिए घातक साबित हो रहा है। यदि उन्हें उनका वाजिब हक दिया जाए, तो करों में वृद्धि की आवश्यकता नहीं होगी।
स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज योजना अधूरी, शहर में जलभराव
विधायक घनघोरिया ने 374.99 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम के अधूरे काम का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि यह परियोजना 2010 में शुरू हुई थी लेकिन 2017 से अधूरी पड़ी है, जिससे शहर में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है और नागरिकों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है।
जल संकट और दूषित जल आपूर्ति पर चिंता
विधायक घनघोरिया ने जबलपुर में जल संकट का मुद्दा उठाते हुए बताया कि अमृत 2 योजना के तहत 17 ओवरहेड टैंक का निर्माण एक साल से रुका हुआ है। उन्होंने रमनगरा और ललपुर फिल्टर प्लांट में लीकेज की समस्या पर भी चिंता व्यक्त की, जिससे जल आपूर्ति बाधित होती है।
75 साल पुराना नगर निगम, लेकिन संसाधनों का अभाव
उन्होंने सरकार से जबलपुर नगर निगम के लिए विशेष पैकेज की मांग की, क्योंकि यह 75 वर्ष पुराना है और "अमृत काल" में प्रवेश कर चुका है, लेकिन संसाधनों के अभाव में बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है।
20 साल से लंबित मास्टर प्लान लागू करने की मांग
विधायक घनघोरिया ने शहर के मास्टर प्लान को 20 वर्षों से लंबित बताते हुए सरकार से इसे जल्द लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिना मास्टर प्लान के शहर का समुचित विकास संभव नहीं है।
सरकार से त्वरित समाधान की मांग
विधानसभा में इन अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें विधायकों ने नगरीय निकायों की समस्याओं और शहर के विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे। विधायक घनघोरिया ने सरकार से इन समस्याओं के त्वरित और प्रभावी समाधान की मांग की है।