दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश अब देश का सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व वाला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिवपुरी जिले में माधव टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया। इस अवसर पर पन्ना से लाई गई एक बाघिन को रिजर्व में छोड़ा गया। इसके साथ ही प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या 9 हो गई है और बाघों की संख्या 985 तक पहुंच गई है।
चीते और बाघ एक साथ
माधव टाइगर रिजर्व के पास स्थित पालपुर कूनो नेशनल पार्क, जो भारत में चीतों के पहले ठिकाने के रूप में जाना जाता है, अब माधव के जंगलों को साझा करेगा। सरकार बाघ-चीता कॉरिडोर विकसित करने की योजना पर काम कर रही है, जिससे दोनों प्रजातियां जंगल में सह-अस्तित्व में रह सकेंगी।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगी बढ़त
चंबल क्षेत्र में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस क्षेत्र में चीते, बाघ और चंबल नदी में घड़ियाल जैसे दुर्लभ वन्यजीव पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
बाघों की बढ़ती संख्या और चुनौतियां
प्रदेश में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे उनके लिए स्वतंत्र भ्रमण क्षेत्र और भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना वन विभाग के लिए एक चुनौती बन रही है। 2022 की राष्ट्रीय बाघ आकलन रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 785 बाघ थे, जो अब बढ़कर 985 हो गए हैं।
मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व और बाघों की संख्या
नई सौगात और विकास की संभावनाएं
सीएम ने माधवराव सिंधिया की जयंती के अवसर पर 13 किलोमीटर लंबी सुरक्षा दीवार का लोकार्पण भी किया, जो इंसानों और बाघों के बीच सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। इस नए टाइगर रिजर्व से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी, जिससे आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।
लगातार बढ़ रहे हैं टाइगर रिजर्व
मध्यप्रदेश में पहले से सतपुड़ा, पेंच, बांधवगढ़, कान्हा, संजय डुबरी और पन्ना टाइगर रिजर्व थे। सितंबर 2023 में रानी दुर्गावती, दिसंबर 2024 में रातापानी, और अब मार्च 2025 में माधव टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया गया।
माधव टाइगर रिजर्व के उद्घाटन के साथ, मध्यप्रदेश का वन्यजीव पर्यटन एक नए युग में प्रवेश कर रहा है, जिससे प्रदेश देशभर के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।