दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने नर्सिंग फर्जीवाड़े से जुड़े एक अहम मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि अपात्र नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों को एक महीने के भीतर योग्य कॉलेजों में ट्रांसफर किया जाए। कोर्ट ने यह निर्देश विशाल बघेल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए, जिससे छात्रों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
सरकार ने कोर्ट में पेश की 600 फाइलें
शुक्रवार को सरकार ने अपात्र कॉलेजों की मान्यता और संबद्धता से जुड़ी 600 ओरिजिनल फाइलें कोर्ट में पेश कीं। ये फाइलें 17 बस्तों में रखी गई थीं, जिन्हें दो लोडिंग ऑटो के जरिए लाया गया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 15 दिन के भीतर इन दस्तावेजों का अवलोकन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किन परिस्थितियों में और किन अधिकारियों ने अपात्र कॉलेजों को मान्यता दी।
छात्रविहीन कॉलेजों के छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे
हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जिन नर्सिंग कॉलेजों में सीबीआई जांच के दौरान कोई छात्र नामांकित नहीं पाया गया, उनके छात्रों को परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं दी जाएगी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कई कॉलेजों ने जांच के दौरान छात्रों की मौजूदगी से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में बैकडेट में एडमिशन दिखाकर उन्हें परीक्षा में बैठाने की कोशिश की गई।