दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों के मान्यता नवीनीकरण के लिए रजिस्टर्ड किरायानामा जमा करने की शर्त पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले से उन स्कूल संचालकों को बड़ी राहत मिली है, जो विभिन्न कारणों से किरायानामा नहीं बनवा पा रहे थे। कोर्ट ने राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में रजिस्टर्ड किरायानामा की कोई अनिवार्यता नहीं थी, लेकिन राज्य सरकार ने मान्यता नवीनीकरण प्रक्रिया में इसे जोड़ दिया। इससे हजारों स्कूलों के बंद होने की नौबत आ गई थी, क्योंकि कई स्कूल कृषि भूमि या अवैध कॉलोनियों में स्थित हैं, जहां मकान मालिक रजिस्टर्ड किरायानामा देने को तैयार नहीं हैं।
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सरकार की 6 जनवरी 2023 की अधिसूचना को 7 मई 2025 तक स्थगित करने का आदेश दिया है। तब तक के लिए निजी स्कूलों के मान्यता नवीनीकरण में रजिस्टर्ड किरायानामा की अनिवार्यता नहीं होगी। मामले की अगली सुनवाई 7 मई 2025 को होगी।
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