Gwalior News: स्मार्ट सिटी मेटरनिटी हॉस्पिटल पर छापा, अवैध गर्भपात का खुलासा

दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। ग्वालियर के गुढ़ा-गुढ़ी का नाका स्थित स्मार्ट सिटी मेटरनिटी हॉस्पिटल में अवैध गर्भपात किए जाने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान अस्पताल में एक महिला मिली, लेकिन उसका पति भ्रूण लेकर भाग निकला।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई, अस्पताल हुआ सील

स्वास्थ्य विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि अस्पताल में अवैध रूप से गर्भपात किया जा रहा है। CMHO (चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर) सचिन श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम ने अस्पताल में छापा मारा, जहां एक महिला का गर्भपात पहले ही हो चुका था। छानबीन के दौरान CCTV फुटेज में महिला का पति भ्रूण को पन्नी में लेकर जाते हुए दिखाई दिया। पुलिस को आशंका है कि भ्रूण को पास के किसी नाले या नदी में फेंक दिया गया होगा।

अस्पताल का रजिस्ट्रेशन पिछले साल ही समाप्त हो चुका था, इसके बावजूद यहां अवैध रूप से गर्भपात किए जा रहे थे। छापेमारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया और जांच शुरू कर दी है।

सामाजिक कार्यकर्ता की सूचना पर हुई कार्रवाई

सामाजिक कार्यकर्ता मीना शर्मा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक महिला का अवैध गर्भपात किया जाएगा। उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को दी, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची। हालांकि, तब तक महिला का गर्भपात हो चुका था।

भ्रूण लिंग परीक्षण रैकेट से भी हो सकता है संबंध

इस मामले में भ्रूण लिंग परीक्षण रैकेट से जुड़े होने की भी संभावना जताई जा रही है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग इस एंगल से भी जांच कर रहे हैं। आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि अस्पताल में नियमित रूप से किस तरह की गतिविधियां होती थीं।

पति ने कहा- भ्रूण को नदी में बहा दिया

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महिला के पति से फोन पर संपर्क किया, जिसमें उसने कहा कि उसने भ्रूण को नूराबाद नदी में बहा दिया। अधिकारियों ने उसे भ्रूण वापस लाने को कहा ताकि पोस्टमॉर्टम किया जा सके, लेकिन उसने इनकार कर दिया।

महिला को था 17 सप्ताह का गर्भ

स्वास्थ्य विभाग की टीम में शामिल डॉ. बिंदु सिंघल ने बताया कि महिला की पहले से दो बेटियां थीं। उसने कुछ दिन पहले ही अपार डायग्नोसिस सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराया था, जिसमें 16 से 17 सप्ताह का गर्भ बताया गया था। महिला को रात में अस्पताल में भर्ती किया गया और डॉ. नेहा नागौरी के अंडर ट्रीटमेंट में रखा गया। गर्भपात के बाद महिला को अधिक ब्लीडिंग हो रही थी, जिसके लिए उसे दवाइयां दी गई थीं।

आगे की कार्रवाई जारी

स्वास्थ्य विभाग और पुलिस इस पूरे मामले की गहन जांच कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टरों और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। भ्रूण के लिंग की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह मामला लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या से जुड़ा हो सकता है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को नोटिस जारी कर दिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

Advertisement
Nature Image 1 Nature Image 2 Nature Image 3 Nature Image 4

Post a Comment

Previous Post Next Post