दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में हाईकोर्ट में गुरुवार को अहम सुनवाई हुई, जिसमें 25 हजार से अधिक छात्रों को बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को निर्देश दिया कि सभी छात्रों को नई मार्कशीट जारी की जाए, जिसमें "प्रोविजनल" शब्द का उल्लेख न हो। इससे छात्रों को अन्य राज्यों में दाखिले और नौकरी में होने वाली दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा।
अपात्र नर्सिंग कॉलेजों की फाइलें पेश करने के आदेश
हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अपात्र नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता से संबंधित सभी मूल फाइलें 18 मार्च तक पेश करे। यह आदेश तब आया जब नर्सिंग काउंसिल के कार्यालय के सीसीटीवी डीवीआर से फुटेज गायब होने की बात सामने आई। इस पर कोर्ट ने काउंसिल दफ्तर के आसपास लगे अन्य सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
छात्रों के भविष्य पर विचार
याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने कोर्ट से अपील की कि अन-सूटेबल पाए गए संस्थानों में पढ़ रहे हजारों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें मान्यता प्राप्त कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाए। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई में पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।