दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्य प्रदेश के पंचायत एवं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल के 'भीख' वाले बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस ने मंत्री के बयान को जनता का अपमान बताया और इसके विरोध में 5 मार्च को प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
क्या कहा था मंत्री प्रहलाद पटेल ने?
राजगढ़ जिले के सुठालिया में लोधा लोधी समाज के सम्मेलन में मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा था कि "अब लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है। नेता आते हैं, एक टोकरी कागज में भरकर आवेदन पकड़ा देते हैं। यह अच्छी आदत नहीं है, लेने की बजाय देने की आदत डालें।" उनके इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई और इसे जनता का अपमान करार दिया।
कांग्रेस का ऐलान: 5 मार्च को होगा विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि "मंत्री पटेल का बयान न केवल जनता का अपमान है, बल्कि यह गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के हकों की अनदेखी भी है।" उन्होंने बताया कि कांग्रेस पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन करेगी और मंत्री पटेल के इस्तीफे की मांग करेगी।
पटवारी का पलटवार: माफी मांगे मंत्री पटेल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीतू पटवारी ने मंत्री पटेल के बयान पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने मंत्री पटेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो साझा करते हुए कहा, "भाजपा सरकार जनता को पहले भगवान बताकर वोट मांगती है और फिर उन्हें भिखारी कहती है। अगर जनता अपने हक की मांग करती है तो क्या वह भीख मांगना कहलाता है?"
मंत्री प्रहलाद पटेल ने दी सफाई
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कांग्रेस के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह सामाजिक था, न कि राजनीतिक। उन्होंने दावा किया कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस के नेता भी मौजूद थे, इसलिए यदि कांग्रेस को कार्रवाई करनी है, तो उन नेताओं पर भी करनी चाहिए जो मंच पर उनके साथ थे।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए ये आरोप
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने सरकार और मंत्री पटेल को घेरते हुए कई मुद्दों पर सवाल उठाए:
महिला सम्मान और योजनाएं: सरकार लाड़ली बहना योजना के तहत 3,000 रुपये देने का वादा कर सत्ता में आई, लेकिन अब धीरे-धीरे महिलाओं को अपात्र बताकर योजना से बाहर कर रही है। महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बजाय 'भिखारी' कहा जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली: अस्पतालों में डॉक्टरों और दवाओं की भारी कमी है। इलाज न मिलने से मरीज दम तोड़ रहे हैं, जिससे जनता निजी अस्पतालों में महंगे इलाज के लिए मजबूर हो रही है।
शिक्षा का संकट: चार साल से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे गरीब और जरूरतमंद छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
किसानों की बदहाली: खाद-बीज की किल्लत और कर्ज के बोझ से दबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या किसानों का अपने हक की मांग करना भीख मांगना कहलाएगा?
बुजुर्गों और दिव्यांगों की पेंशन: वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन लंबित है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इन वर्गों के अधिकारों को भीख बताकर उनका अपमान कर रही है।
कांग्रेस का आंदोलन तेज करने का ऐलान
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने चेतावनी दी है कि यदि मंत्री प्रहलाद पटेल अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, तो पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ और बड़ा आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस जनता के हक की लड़ाई लड़ती रहेगी और भाजपा के अहंकार को जमीन पर लाकर छोड़ेगी।
5 मार्च को होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस की तैयारियां जोरों पर हैं, वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को महज राजनीति करार दिया है। अब देखना होगा कि इस सियासी घमासान का क्या नतीजा निकलता है।