दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से कम राजस्व वसूली को लेकर जबलपुर जिले के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दस तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन तहसीलदारों को 24 घंटे के भीतर अपने जवाब सहित समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। संतोषजनक जवाब न मिलने की स्थिति में उनके विरुद्ध असंचयी प्रभाव से दो वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
कलेक्टर द्वारा नोटिस में कहा गया है कि लगातार समीक्षा के बावजूद लक्ष्य के अनुसार राजस्व वसूली नहीं होना तहसीलदारों की उदासीनता दर्शाता है और यह वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन भी है। जिन तहसीलदारों को नोटिस जारी किया गया है उनमें तहसीलदार जबलपुर ग्रामीण श्रीमती नीलिमा राजलवाल, तहसीलदार आधारताल सुश्री जानकी उइके, प्रभारी तहसीलदार रांझी राजीव मिश्रा, प्रभारी तहसीलदार गोरखपुर भरत कुमार सोनी, प्रभारी तहसीलदार सिहोरा शशांक दुबे, तहसीलदार मझौली वीर बहादुर सिंह, प्रभारी तहसीलदार शहपुरा रविन्द्र कुमार पटेल, तहसीलदार पाटन दिलीप हनवत, तहसीलदार पनागर विकास चंद्र जैन और प्रभारी तहसीलदार कुंडम दीपक पटेल शामिल हैं।
प्रशासन द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की तुलना में वास्तविक वसूली बेहद कम रही है। जबलपुर (ग्रामीण) तहसील में 9 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 18.69 प्रतिशत, आधारताल में 11 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 11.14 प्रतिशत, गोरखपुर में 10 करोड़ के विरुद्ध 40.09 प्रतिशत, रांझी में 15 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 13.98 प्रतिशत, सिहोरा में 4.50 करोड़ के मुकाबले 12.23 प्रतिशत, मंझौली में 2 करोड़ के विरुद्ध 15.36 प्रतिशत, शहपुरा में 5 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 13.61 प्रतिशत, पाटन में 3.50 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 10.96 प्रतिशत, पनागर में 4 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 34.09 प्रतिशत और कुंडम में 1 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 16.75 प्रतिशत राजस्व की वसूली हुई है।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि यदि तहसीलदार तय समय सीमा में उचित जवाब प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।