दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। ग्वालियर में दुष्कर्म के आरोप में फरार चल रहे तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान को आखिरकार सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। आरोपी तहसीलदार ने पुलिस को चकमा देकर ग्वालियर से बैतूल ट्रांसफर करा लिया था, लेकिन वहां ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद बैतूल कलेक्टर की रिपोर्ट पर शासन ने उसे निलंबित कर दिया।
गिरफ्तारी से बचने के लिए खेला ट्रांसफर का दांव
15 जनवरी 2025 को आरोपी तहसीलदार के खिलाफ दुष्कर्म की FIR दर्ज की गई थी। मामला दर्ज होने के तीन दिन बाद ही उसने गुपचुप तरीके से अपना ट्रांसफर बैतूल करा लिया। हालांकि, उसने वहां ज्वाइन नहीं किया, जिससे सरकार को उसकी गतिविधियों पर संदेह हुआ।
पीड़िता ने लगाए गंभीर आरोप
भिंड जिले की रहने वाली पीड़िता ने बताया कि तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने 2008 में शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया। 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में सिंदूर भरकर शादी की, लेकिन बाद में पता चला कि तहसीलदार पहले से शादीशुदा था और उसकी चार पत्नियां हैं। जब पीड़िता ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई।
सेशन कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक खारिज हुई जमानत याचिका
आरोपी तहसीलदार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले जिला एवं सत्र न्यायालय, फिर हाईकोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया, लेकिन सभी जगहों से उसे राहत नहीं मिली।
पुलिस नहीं कर पा रही गिरफ्तारी
ग्वालियर पुलिस तहसीलदार की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक उसे पकड़ नहीं पाई है। पुलिस ने आरोपी पर ₹5,000 का इनाम घोषित कर रखा है, लेकिन वह फरार बना हुआ है। महिला थाना प्रभारी दीप्ति सिंह तोमर का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है।
अब देखना होगा कि प्रशासन और पुलिस मिलकर इस फरार तहसीलदार को कब तक गिरफ्तार कर पाते हैं।