दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। सनातनी संस्कृति का एकत्रित और साकार रूप यदि कहीं देखना है तो सिंधी समाज को देख लेना पर्याप्त है। अपनी जड़ों से जुड़कर और अपने प्राचीन गौरव को साथ लेकर नई पीढ़ी को उसका अहसास कराते हुए आगे बढ़ना सिंधी समाज की ताकत है। सिंधी समाज ने अपनी लगन और परिश्रम के बल पर न केवल जबलपुर बल्कि प्रदेश, देश एवं दुनिया में मान और सम्मान अर्जित किया है। ये उदगार प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने आज सिंधी समाज द्वारा छोटी लाइन फाटक स्थित समन्वय सेवा केंद्र में चेट्रीचंड्र पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये व्यक्त किये।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद सिंधी समाज के नागरिकों को भगवान झूलेलाल जी की जयंती तथा भारतीय नववर्ष की शुरुआत पर बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भगवान झूलेलाल ने सनातनी समाज को जो राह दिखाई है वह प्रेरणा दायक है और हजारों वर्ष तक आने वाली पीढ़ी का पथ प्रदर्शन करती रहेगी। भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव के साथ आज भारतीय नववर्ष की शुरुआत भी है। यह हमारा सौभाग्य है कि एक ओर आज के दिन हम भगवान सूर्य की उपासना कर रहे हैं तो भगवान झूलेलाल को नमन भी कर रहे हैं। दुनिया में भारतीय संस्कृति ही एक मात्र ऐसी संस्कृति है जहाँ हमारी पूजा पद्धति के पीछे वैज्ञानिक आधार और कारण हैं। हम भगवान सूर्य की उपासना करते हैं तो यह प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना है। इसी तरह हम भगवान झूलेलाल को नमन करते हैं तो यह एक तरह से जल देवता का स्मरण करना है।
आगे लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि हम वो लोग हैं जो पेड़ पौधों में भी भगवान का स्वरूप देखते हैं। हर जीव में, पशु-पक्षियों में और कण-कण में परमात्मा का अनुभव करने वाली अगर कोई संस्कृति है तो सनातनी हिन्दू संस्कृति है। इस संस्कृति का एकत्रित और साकार स्वरूप कहीं देखना हो तो सिंधी समाज को देख लेना पर्याप्त है।
चेट्रीचंड्र महोत्सव के इस कार्यक्रम में सिंधी समाज द्वारा लोक निर्माण मंत्री का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर समाज के प्रतिभाशाली बच्चों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष भठिजा, डॉ के सी देवानी, मुकेश खत्री, सोनू बचवानी एवं समाज के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।