Jabalpur News: नर्मदा किनारे नहीं होगा अतिक्रमण, हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नर्मदा नदी के 300 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर सख्त प्रतिबंध लगाते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह मास्टर प्लान के प्रावधानों को सख्ती से लागू करे।

हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुरेश कुमार केथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने इस महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि 1 अक्टूबर 2008 के बाद इस प्रतिबंधित क्षेत्र में हुए सभी अवैध निर्माणों को हटाया जाए। साथ ही, राज्य सरकार और नगरीय निकायों को निर्देश दिया कि वे नर्मदा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए ठोस कदम उठाएं।

जनहित याचिका के बाद आया फैसला

यह फैसला 2019 में जबलपुर के सामाजिक संगठन नर्मदा मिशन द्वारा दायर जनहित याचिका के बाद आया, जिसमें नर्मदा किनारे हो रहे अवैध निर्माण और बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई गई थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद अब अंतिम निर्णय सुना दिया है।

पहले भी हटाए गए अवैध निर्माण

इससे पहले मई 2024 में जबलपुर के मंगेली घाट पर घनश्याम दास त्यागी नामक संत द्वारा बनाए गए आश्रम और गौशाला को भी हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने हटाया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि नर्मदा के 300 मीटर दायरे में कोई भी पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता।

सरकार पर सख्ती से आदेश लागू करने की जिम्मेदारी

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य सरकार और प्रशासन पर यह जिम्मेदारी होगी कि वे नर्मदा किनारे हो रहे अतिक्रमण को रोकें और पहले से बने अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई जल्द से जल्द सुनिश्चित करें।

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