दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। ग्वालियर पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल ठगी का खुलासा किया है, जिसमें ठगी का पैसा किराए पर लिए गए बैंक खातों के ज़रिए निकाला जा रहा था। इस गोरखधंधे में उज्जैन के नागदा स्थित बंधन बैंक की शाखा के अफसर और कर्मचारी भी शामिल थे।
जरूरतमंदों से खुलवाए खाते, एटीएम-बुक खुद रख लेते थे
पुलिस जांच में सामने आया कि बैंक कर्मियों ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सिर्फ 1000 रुपए देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाए और एटीएम व पासबुक खुद रख ली। इन खातों से करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ, जिसमें असली खाताधारकों को भनक तक नहीं लगी।
सब्जीवाले के नाम पर अकाउंट, 3 महीनों में 30 लाख का लेन-देन
ग्वालियर से नागदा के एक बैंक खाते में 10 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ। जांच में सामने आया कि यह खाता राहुल कहार नाम के एक सब्जी बेचने वाले के नाम पर था, जो महज़ 1000 रुपए किराया पाकर खाता खुलवाने को तैयार हो गया था। उसके खाते से तीन महीने में लगभग 30 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया।
ग्वालियर पुलिस ने 6 आरोपियों को दबोचा
पुलिस ने मामले में बैंक के असिस्टेंट मैनेजर, महिला कैशियर और अन्य चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में राहुल कहार (22), तुषार गोमे (26), किशोर विनाज्ञा (19), शुभम राठौर (23), विश्वजीत बर्मन (46) और काजल जायसवाल (27) शामिल हैं।
बैंक से सीधे ठगों को मिलती थी कैश की सूचना
जांच में खुलासा हुआ कि बैंक का असिस्टेंट मैनेजर गिरोह को पैसे आने की सूचना देता था और कैशियर बिना प्रक्रिया के रकम निकाल देती थी। यह सारा लेन-देन फर्जी खातों के माध्यम से होता था।
रामकृष्ण मिशन आश्रम से जुड़ा मामला, दुबई तक भेजा गया पैसा
ग्वालियर के रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का झांसा देकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और 2.53 करोड़ रुपए की ठगी कर ली गई। यह रकम दुबई ट्रांसफर की गई और आशंका है कि इसे क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया।
प्रयागराज की शेल कंपनी के नाम पर अकाउंट, 1.30 करोड़ ट्रांसफर
पुलिस ने पता लगाया कि ठगी की सबसे बड़ी रकम प्रयागराज की एक शेल कंपनी के नाम पर खोले गए अकाउंट में गई। असली मालिक को इसकी जानकारी नहीं थी।
10 राज्यों के 50 से ज्यादा खाते पुलिस के निशाने पर
साइबर एक्सपर्ट्स और पुलिस की टीमें अब देशभर के 10 राज्यों में 50 से ज्यादा संदिग्ध बैंक खातों की जांच कर रही हैं। जिनमें ठगी की रकम को घुमाया और छुपाया गया।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए करें ये सावधानियां:
अनजान नंबर से कॉल आने पर सतर्क रहें।
किसी भी कॉलर द्वारा डराया जाए या धमकी दी जाए तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
सरकारी अधिकारी बताकर बैंक डिटेल या वीडियो कॉलिंग मांगने वालों से बचें।
किसी भी परिस्थिति में अपने खाते की जानकारी किसी से साझा न करें।