दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना को संवैधानिक बताते हुए इसे निजी मेडिकल कॉलेजों पर भी लागू करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शासन द्वारा नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करना असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता।
यह योजना 2017 में लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को उच्च शिक्षा दिलाना था। कोर्ट ने आदेश दिया कि नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले एलआईजी श्रेणी के छात्रों को निजी कॉलेजों में प्रवेश मिलने के तीन माह के भीतर सरकार को उनकी संपूर्ण वार्षिक फीस व अन्य शुल्क का भुगतान करना होगा।
फीस सीधे कॉलेज के खाते में न जाकर छात्र और संस्थान के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी, जो छात्र के आधार और पैन कार्ड से लिंक रहेगा, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचा जा सके।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर छात्र किसी सत्र में फेल हो जाए, तो भी उसकी छात्रवृत्ति बंद नहीं की जा सकती। निजी संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि वे ऐसे छात्रों की जानकारी समय पर शासन को भेजें, ताकि फीस भुगतान में कोई बाधा न आए।