ई-सिगरेट : किताबों की जगह हाथों में जहर , जिम्मेदार कौन?

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। ई-सिगरेट जिसे आम भाषा में 'वेप डिवाइस' भी कहा जाता है, जिसे सरकार ने 2019 में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन आज जबलपुर की पान दुकानों और जनरल स्टोर्स पर कई फ्लेवरों में खुलेआम बिक रहा है। हालंकि जबलपुर पुलिस ने पिछले दिनों अवैध रूप से संचालिक हुक्का बारों में प्रभावी कार्रवाही की है परंतु इस धुएं के व्यापार की और पुलिस, स्कूल प्रशासन, सामाजिक संगठनों का ध्यान नहीं होना समाज के लिए चिंतनीय विषय है। 

ई-सिगरेट जिसे आम भाषा में 'वेप डिवाइस' भी कहा जाता है, जिसे सरकार ने 2019 में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन आज जबलपुर की पान दुकानों और जनरल स्टोर्स पर खुलेआम बिक रहा है। खासतौर पर पेटी नाका, गोरा बाजार, सदर और गणेश चौक जैसे इलाकों में यह जहर आसानी से मिल रहा है। सबसे चिंता की बात ये है कि स्कूल-कॉलेज के बच्चे इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। 

जिन बच्चों के हाथ में किताबें होनी चाहिए, वो अब वेप डिवाइस पकड़े दिखते हैं। कई लड़के-लड़कियां तो सड़कों पर ही इसका धुआं उड़ाते नजर आते हैं। और युवाओं के बीच इसको इस्तेमाल करने वाले युवक युवतियों को "cool" समझा जाता है सूत्रों के मुताबिक, सदर की कुछ दुकानों से सेना के जवानों को भी ई-सिगरेट खरीदते देखा गया है। हालांकि सेना की इंटेलिजेंस इस पर बाकायदा नजर बने हुए हैं और शीघ्र ही बड़ी कार्रवाई करने वाली हैअब सवाल ये है कि जब ये चीज़ पूरी तरह बैन है, तो फिर ये बिक क्यों रही है? क्या पुलिस, स्कूल प्रशासन या समाज की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? 

सेहत का दुश्मन 

ई-सिगरेट से फेफड़े और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। ये एक ऐसी लत है जो आगे चलकर बच्चों को और खतरनाक नशों की तरफ भी ले जा सकती है। और युवाओं में फेफड़ों के नपुंसकता की बीमारी होना बताया जाता हे अब समय आ गया है कि समाज, स्कूल और पुलिस मिलकर इस पर सख्त कार्रवाई करें। नहीं तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को धुएं में खोते देखेंगे। 

कानून क्या कहता है? 

सरकार के नियम के मुताबिक ई-सिगरेट बनाना, बेचना, रखना या इसका विज्ञापन करना जुर्म है। पहली बार पकड़े जाने पर एक साल की जेल या एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन साल तक की जेल और दो लाख का जुर्माना। 

काला कारोबार 

इनकी कीमत असल में 200 से 300 रुपये होती है, लेकिन दुकानदार इन्हें चोरी-छिपे 1000 से 1500 रुपये तक में बेच रहे हैं। यानी प्रतिबंध का फायदा उठाकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है। 

इन्होंने कहा 

ई सिगरेट पूर्ण तरह प्रतिबंधित है यदि कोई से बेचते या इसका इस्तेमाल करता पाया जाता है तो उसके ऊपर दंडात्मक कारवाही की जाएगी 

सूर्यकांत शर्मा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जबलपुर

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