दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। दमोह के मिशन अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर द्वारा दिल का ऑपरेशन करने और मरीज की मौत के बाद अब स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। जबलपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. संजय मिश्रा ने जिले के सभी निजी अस्पतालों को आदेश जारी किया है कि वे अपने यहाँ कार्यरत डॉक्टरों की डिग्रियों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दें।
यह शपथ पत्र 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर देना अनिवार्य किया गया है और इसकी समय-सीमा दो सप्ताह तय की गई है। CMHO ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब बिना मान्यता प्राप्त डिग्री और रजिस्ट्रेशन के कोई भी डॉक्टर न तो जबलपुर में इलाज कर सकेगा और न ही क्लीनिक खोल पाएगा।
डिग्री की जांच अनिवार्य, रजिस्ट्रेशन की होगी पुष्टि
CMHO डॉ. मिश्रा ने बताया कि सभी निजी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वे डॉक्टरों की डिग्री, डिप्लोमा और रजिस्ट्रेशन का वेरिफिकेशन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से कराएं और इसकी रिपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी कहा कि निर्देशों का पालन न करने पर संबंधित अस्पतालों के खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
दमोह के फर्जी डॉक्टर के जबलपुर कनेक्शन की भी जांच
सूत्रों के अनुसार दमोह का फर्जी डॉक्टर जबलपुर के कुछ निजी अस्पतालों के संपर्क में था। इसकी जांच एजेंसियां कर रही हैं। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में डॉक्टरों की योग्यता को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।