दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हाईकोर्ट ने एक प्रमोशन विवाद पर बड़ा फैसला सुनाते हुए डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (DPC) को अवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि डीपीसी में अधिकारियों ने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया और वरिष्ठता की अनदेखी की गई।
जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की वरिष्ठता के बावजूद उसे प्रमोशन से वंचित किया गया, जबकि जूनियर्स को पदोन्नति दी गई। कोर्ट ने निर्देश दिए कि बिना जूनियर्स का प्रमोशन रद्द किए, याचिकाकर्ता को भी उसी तिथि से प्रिंसिपल ग्रेड-2 के पद पर प्रमोशन दिया जाए।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को वरिष्ठता के आधार पर सभी वित्तीय लाभ और एरियर्स का भुगतान किया जाए। यह मामला आईटीआई विभाग से जुड़ा है।
भोपाल निवासी मनोज कुमार अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता विवेक रंजन पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि विभाग ने 7 नवंबर 2014 को डीपीसी की थी, जिसमें पिछले 5 वर्षों के रिकॉर्ड के आधार पर कट-ऑफ 13 अंक तय किए गए। याचिकाकर्ता को 12 अंक मिलने के कारण 'अनफिट' माना गया, जबकि कनिष्ठों को प्रमोशन दे दिया गया।