दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली: भारत को जल्द ही अपना 52वां मुख्य न्यायाधीश मिलने जा रहा है। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को अपना उत्तराधिकारी नामित करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश को मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। मंजूरी मिलने के बाद न्यायमूर्ति गवई 14 मई 2025 को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।
न्यायमूर्ति गवई इस पद पर पहुंचने वाले देश के दुसरे दलित मुख्य न्यायाधीश भी होंगे, जो भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वे वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं और न्यायिक सेवा में उनका अनुभव चार दशकों से भी अधिक है।
न्यायमूर्ति गवई ने अपनी कानूनी यात्रा की शुरुआत बॉम्बे हाईकोर्ट से की थी और जून 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। उनके निर्णयों में संवैधानिक, सामाजिक और मानवाधिकार से जुड़े कई अहम मामलों में स्पष्ट और संतुलित दृष्टिकोण देखा गया है।
माना जा रहा है कि उनके कार्यकाल में न्यायिक सुधारों और डिजिटल न्याय प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। देशभर के विधि विशेषज्ञों और न्यायिक समुदाय ने इस सिफारिश का स्वागत किया है और न्यायपालिका में विविधता व समावेशिता की दिशा में इसे एक सकारात्मक कदम माना है।
न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल 24 नवंबर 2025 तक रहेगा।