दैनिक सांध्य बन्धु जयपुर। राजस्थान की सियासत में एक बार फिर भूचाल आ गया है। राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के 19 ठिकानों पर आज सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई 48 हजार करोड़ रुपये के PACL रियल एस्टेट घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है।
ED के सूत्रों के अनुसार, PACL घोटाले का पैसा खाचरियावास और उनके परिवार के खातों में ट्रांसफर हुआ और बाद में उस पैसे से संपत्तियों में निवेश किया गया।
समर्थकों ने किया विरोध, पुलिस से हुई बहस
जयपुर के सिविल लाइंस स्थित खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की खबर फैलते ही समर्थक बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए। उन्होंने BJP और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने जब आवास के सामने खड़ी गाड़ियों को हटाने की कोशिश की तो समर्थकों से तीखी बहस हो गई। हालात बिगड़ते देख मौके पर तीन थानों की पुलिस फोर्स तैनात की गई।
पूर्व मंत्री बोले- डरने वाला नहीं, सबका इलाज आता है
खाचरियावास ने कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना बताया और केंद्र की BJP सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, जो इनके खिलाफ बोलता है, उसके घर ED भेज देते हैं। मैं पिछले डेढ़ साल से बोल रहा था, मुझे पता था एक दिन ED जरूर आएगी। मैं तैयार हूं। सरकारें हमेशा नहीं रहतीं। "मेरा नाम प्रताप सिंह खाचरियावास है, मुझे सबका इलाज करना आता है।
क्या है PACL घोटाला?
PACL (पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने रियल एस्टेट निवेश के नाम पर देशभर में 5.85 करोड़ लोगों से 49100 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें से राजस्थान के 28 लाख निवेशकों ने 2850 करोड़ रुपये लगाए थे।
2016 में सुप्रीम कोर्ट ने CJI आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, जिसने PACL की संपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों को पैसा लौटाने की जिम्मेदारी ली। SEBI ने पहले ही PACL की स्कीमों को अवैध घोषित कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक, खाचरियावास की लगभग 30 करोड़ की भागीदारी की जांच चल रही है। छापेमारी पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई और रिकवरी को लेकर स्थिति साफ हो सकेगी।