दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देशन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल में 121 महिला बंदिनी के लिए राज्य आनंद संस्थान द्वारा एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें सरस्वती माता पर माल्यार्पण,दीप प्रज्वलन एवं प्रतिभा दुबे द्वारा सरस्वती वंदना गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
मास्टर ट्रेनर दीप्ति ठाकुर ने आनंद विभाग की अवधारणा को व्यक्त करते हुए कहा कि भौतिक वस्तुओं के संग्रह करने से सुख नहीं मिलता,बल्कि छोटी-छोटी खुशियों जैसे दूसरों की मदद,प्रकृति से प्रेम,स्वयं एवं समाज के प्रति जागरूक होने से सुख मिलता है।
विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने जीवन को सफल बनाना ही अल्पविराम से सीखा है।रिश्तों के मैप को प्रदर्शित करते हुए रिश्तों को सुधारना बताया।जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने कहा की जिंदगी भर बाहर की वस्तुओं से आनंद प्राप्त करने की कोशिश करते रहते हैं,जबकि जिंदगी का असली आनंद तो हमारे भीतर है क्योंकि जो भीतर गया वह भी तर गया।
आनंदम सहयोगी झील सिंह और सीमा कश्यप ने अपने जीवन की घटना को साझा करते हुए बताया की शांत समय लेने से स्वीकार्यता का भाव बढ़ा है और वे सही निर्णय ले पाते हैं जिससे कई बिखरे हुए रिश्ते सुधरे हैं। डॉ0 मनीषा खरे ने मनोरंजक गतिविधियां कराते हुए बताया कि शांत समय लेने से सही समझ विकसित होती है जिससे हम सुविधाओं उचित उपयोग एवं और संबंधों का निर्वहन करना सीख पाते हैं। उप अधीक्षक मदन कमलेश,रूपाली मिश्रा,मेट्रन देव कुमारी पारुचे, नर्स श्रीमती संध्या धूसिया उपस्थित रहे।
बंदियों ने भी ढोलक मंजीरे बजाते हुए गीत और भजन गाकर अपने आनंद को व्यक्त किया।बंदियों ने बताया कि यहां आकर उन्हें अपनी बुरी आदतों और गलतियों को भी समझा है और अपनी अच्छाई को भी पहचाना है,महिला बंदियों ने बताया कि राज्य आनंद संस्थान के सदस्यों द्वारा किया गया कार्यक्रम सराहनीय है,ऐसे कार्यक्रम जेल में होते रहना चाहिए।सत्र,योग, भजन, कीर्तन से बहुत शांति और सुकून मिली है।
कल्याण अधिकारी एवं कवयित्री सरिता धारू,प्रतिभा दुबे,दीप्ति ठाकुर के हृदय स्पर्शी गीत,कविता ने सभी का मन जीत लिया। कार्यक्रम का संचालन कल्याण अधिकारी श्रीमती सरिता धारू ने किया।आनंदम टीम द्वारा जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर को आनंद विभाग का स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।