दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली/मुर्शिदाबाद। देशभर में वक्फ संशोधन कानून आज से लागू होते ही इसका विरोध तेज हो गया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में मंगलवार शाम हिंसक प्रदर्शन हुए। विरोध में सड़कों पर उतरे मुस्लिम संगठनों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। हालात इतने बिगड़े कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों समेत कई वाहन जला दिए और पथराव किया। जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
मुर्शिदाबाद में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है, भारी पुलिस बल तैनात है। केंद्र सरकार ने सोमवार रात ही वक्फ संशोधन कानून के लागू होने की अधिसूचना जारी की थी। यह कानून 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा से पारित हुआ था। 5 अप्रैल को राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी।
इस कानून के खिलाफ अब तक सुप्रीम कोर्ट में 12 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद सहित कई मुस्लिम संगठनों ने इसे असंवैधानिक बताया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से राष्ट्रव्यापी विरोध आंदोलन की घोषणा की है।
वहीं, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी वक्फ कानून पर जोरदार हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा विधायकों के बीच बहस हाथापाई तक पहुंच गई। सोमवार को NC विधायक ने सदन में कानून की कॉपी फाड़ दी थी और आज फिर से सदन में नारेबाजी व धक्का-मुक्की हुई।
मणिपुर के थोउबल जिले में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असगर अली मकाकमयुम के घर को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। आरोप है कि उन्होंने वक्फ कानून का समर्थन किया था।
विपक्ष के नेताओं ने भी इस कानून पर कड़ी आपत्ति जताई है। राहुल गांधी ने इसे मुसलमानों पर सीधा हमला बताया और कहा कि अब ईसाइयों की बारी है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया कि सरकार वक्फ की ज़मीनें किसे देना चाहती है? महबूबा मुफ्ती और NC के नेता आगा रूहुल्लाह ने इसे अल्पसंख्यकों पर हमला करार दिया है।